Computer Fundamental Online Test
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Question - 1

निर्देश (1-5) : निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर दीजिए।

 

विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोहों का माहौल चल रहा है। ऐसे में एक मंत्री जी को भी भाषण देने का मौका मिला। जिसे लेखक ने एक व्यंग्य के रुप में ज्यों का त्यों हम सबके सम्मुख प्रस्तुत किया है। मंत्री जी के अल्प ज्ञान की छटा बखूबी इसमें देखने को मिलती है। कैसे वह छात्रों का मनोबल बढ़ाते हैं तो काबिले तारीफ है। वे आज के छात्रो को ऐसा क्रांतिकारी मानते हैं, जो केवल सिनेमा ऑपरेटरों व गेटकीपरों के खिलाफ मोर्चा चलाते हैं। उनके हाथों में पत्थरों की जगह अंडे थमाने का वादा भी करते हैं ताकि उनका दर्जा पश्चिमी मुल्कों के जैसा बना पाएँ। वे चाहते हैं कि हम मंत्री जो आज इस समाज को बिगाड़ रहे हैं उसे कल ये छात्र सुधारें। ऐसा वे इसलिए कहते हैं कि हम आपके लिए इतना काम पीछे छोड़कर जा रहे हैं कि आपकी भावी पीढ़ी इसे सुधारते हुए सिधर जाए। वह छात्रों को सत्य की राह पर चलने के लिए कहते हैं। सत्य के लिए अगर उन्हें अपना ईमान, धर्म भी त्यागना पड़े तो वे बेझिझक उसे त्याग दे पर सत्य की राह न छोड़े। जो छात्र परीक्षा न दें उन्हें सम्मानपूर्ण डिग्री जरुर मिलनी चाहिए। खुद मंत्री जी की दिली तमन्ना डॉक्टर बनने की रही मगर वे मंत्री बन गए।

 

प्रश्न-1 : मंत्री जी छात्रों के हाथों में पत्थरों की जगह क्या देखना चाहते हैं?